बधाई :)
अच्छा लिखा है आपने ...बहुत -बहुत बधाई
सही बात है, जो मिठास और अपनापन लोक गीतों में होता है, वो और गीतों में नहीं मिलता!नेहा जी, बहुत अच्छा आलेख! सराहना!
bahut achchha yar
बधाई :)
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखा है आपने ...बहुत -बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंसही बात है, जो मिठास और अपनापन लोक गीतों में होता है, वो और गीतों में नहीं मिलता!
जवाब देंहटाएंनेहा जी, बहुत अच्छा आलेख! सराहना!
bahut achchha yar
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