रविवार, 8 जनवरी 2012

वाराणसी आई नेक्स्ट में प्रकाशित...

आज दिनांक 09-01-2012 को वाराणसी आई नेक्स्ट में प्रकाशित मेरा ये लेख जो लोक गीतों पर है.

रविवार, 1 जनवरी 2012

नव वर्ष मंगलमय हो....

लो बस बीत गया 2011 और सभी देश वासी लग गए हैं 2012 के नए और सुनहरे आगमन के जश्न मनाने में .2011 के कई अच्छे और बुरे पल हमारे साथ अपनी बहुत ढेर सारी यादें छोड़ गया है.साल के 12 महीनों में शायद 1200 से भी अधिक ऐसी घटनाएँ हुई होंगीं जो दिल को पूरी तरह से दहला दी हो और शायद 12 ही होंगी ऐसी जो पूरी तरह से दिल को खुश कर देश को गौरवान्वित की होंगी,और बची खुची बात जो रही वो कसर हमारी सरकार ने पूरी कर दी है इस बीते साल में सभी ने सरकार को अच्छी तरीके  से कोसा है चाहे वो अन्ना हजारे हो या योग गुरु बाबा रामदेव का भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए जन आन्दोलन पर  गलत रवैया उठाने पर ....कुछ न कुछ बुरे पल के बाद अच्छे पल भी आते है जो हमारे साथ भी आये वो था सबसे बड़ी जीत का जश्न जो हमारे देश को कई सालों की मेहनत के बाद मिला,,वो था क्रिकेट में वर्ल्ड कप का मिलना इससे बड़ी शायद ही कोई ख़ुशी थी जो मिली थी.वही हाकी ,टेनिस की जीत ने ख़ुशी की चरम सीमा पारकर दी.दूसरी तरफ शायद हमारी फिल्म इंडस्ट्री को तो किसी की बुरी नज़र सी लग गयी थी जो शम्मी कपूर,जगजीत सिंह,देवानंद,एम ऍफ़ हुसैन,पटौदी साहब जैसे नामचीन कलाकारों को हमसे जुदा कर दिया पर इस साल के अंत तक आते आते कई ऐसी फ़िल्में भी बनी जो वाकई काबिले तारीफ थी..उधर टेक्नोलोजी में इस्टिव जॉब का जाना भी सबके लिए बहुत दुःखदाई था,हो भी क्यों न कहा गया है की जो आता है वो एक ने एक दिन जरुर चला जाता है....उधर सब चीजों से क्या बचना प्रकृति ने भी कम दंश नहीं झेलाया हम सब को बाढ़ भूकंप का कहर ने तो मानो हिला कर रख दिया हो पूरी तबाही सी मची गयी थी ....आज देश में दो सबसे बड़े काल के रूप में चल रहे आतंकवाद और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे शायद खत्म होने का नाम ही नहीं लेते नज़र आ रहे हैं.आज देश के अंतिम दिन पर लाखों करोड़ों लोग अपनों को बधाइयाँ सन्देश भेजेंगे और नए साल के लिए शुभकामनाएं देंगे पर ये तो निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जो हर साल आती है और चली जाती है और लोग 1 जनवरी को अपनी ज़िन्दगी नए सिरे से शुरू करने की शपथ लेते हैं और नए वर्ष के रूप में मनाते है और देशवासी खुश रहे उसके लिए ज़रूरी है की हमारे देश की सरकार जो अभी भी पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है और बीते साल में उसने कैसा रवैया अपनाया ये किसी से छुपा नहीं है बस मेरी सभी देशवासियों से ये ही दुआ है की हमारी सरकार अब जो भी आये वो पूरी तरह ईमानदार और जिम्मेदार हो जिससे सोने की चिड़िया कहा जाने वाला देश अपनी पुरानी स्थिति में लौट सके  और अगर हम सब मिल कर भाईचारे की भावना के साथ रहे तो हर दिन होली दिवाली और नए वर्ष की तरह बीतेगा और अंत में आप सभी को मेरी तरफ से नव वर्ष मंगलमय हो.