आज अपने कैरिअर के प्रति बहुत ही सचेत हो चुके युवाओं के पास और कोई भी ऐसा रास्ता नहीं है की वो कहीं अपना रास्ता आसानी से चुन सके नित नए बदलाव के साथ वो और भी भटक से गए है और लगातार भटकते भी जा रहे है.आज देश में दिनों दिन बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई उन्हें गलत और बेमतलब के रास्ते पर ले जा रही है,,और रही बात हमारी सरकार की तो ये लगता है की एक दिन ऐसा आएगा की बच्चे पैदा होने से पहले गर्भ में एक पी.ई.टी.(प्रेगनेंसी एलिजिबिल्टी टेस्ट) देगा जिससे पता लगे की बच्चा पैदा होकर कुछ करने के लिए एलिजिबिल् है या नहीं......
आज बच्चे स्कूल के बाद ये समझ नहीं पाते की हमें आगे कौन सा कोर्स करना चाहिए??? टेक्नोलोजी के साथ बढ़ाते नित नए कोर्स उन्हें भ्रम की स्थिति में डाल देते हैं.आज युवा रोजगार समाचार और ऐसे कई प्रतियोगिताएं की किताबें पढ़ते रहते है और नौकरी की तलाश में रहते हैं.अभी हाल में ही सभी ने देखा कि सरकार ने टी.ई.टी. को लेकर जो खेल खेला है वो सभी के सामने है बेचारे क्या करे वो लोग जिन्होंने बैंक ड्राफ्ट बनवाया फिर रद्द कराया और ऐसी स्थिति में तो यही लगता है क्या होगा इस देश का जब सरकार हर तरफ से इतनी लापरवाह है.
और तो और जब बात आई उत्तर प्रदेश प्लाटून कमांडर भरती बोर्ड की तो सरकार की राजनीति तो देखिये विवरण पुस्तिका में तो उन्होंने 1.पहला निर्देश दिया की पूरा पेपर 200 नंबर का होगा अंत में पूरे में से 160 प्रशन ही आया 2. निर्देश दिया की वही लोग पास माने जायेंगे जो सबमें से 50% अंक पाएंगे और हुआ ये की ठीक परीक्षा वाले दिन ही ये नया निर्देश आ गया कि वही अभ्यर्थी पास माने जायेंगे जो अलग अलग विषय में 40%अंक पाएंगे.अब सोचने वाली बात तो ये है की इसमें अभ्यर्थी की क्या गलती की नए नियम के साथ पेपर न दे ये तो सरासर अन्याय है,और तो और परीक्षा के दिन गाजीपुर केंद्र पर तो अजब ही माहौल था जब अभ्यर्थियों को कापियां ही गलत बांट दी गयीं और फिर कहीं जाकर डी.एम,और अन्य वरिष्ठ अधिकारीयों के आने के बाद फिर सिलसिलेवार कापियां बाटी गयीं.अब इसको लेकर हर जगह तरह तरह के बवाल हो रहे है फिर भी सरकार चेत नहीं रही है.
ये तो हैं सरकार की नीतियाँ अगर ऐसे ही सरकार गलती पर गलती करती रही तो इन युवाओं के भविष्य का क्या होगा जब महंगाई अपनी चरम अवस्था पर है.
आज विभिन्न तरह की वेबसाईट पर युवा अपना बायोडाटा भेज रहे है.आजकल पढाई या डिग्री का कोई महत्व नहीं रह गया है बस जो जहाँ चाह रहा है वही फॉर्म भर रहा है और ये सब हमारी सरकार की राजनीति है,जो युवाओं कोपूरी तरह से भटका रही है.अगर ऐसा ही रहा तो क्या होगा इस आते नए साल में देश के भविष्य का क्या होगा जो पूरी तरह इन युवाओं पर निर्भर है, इसके लिए हमारी सरकार को चेतना होगा.
आज बच्चे स्कूल के बाद ये समझ नहीं पाते की हमें आगे कौन सा कोर्स करना चाहिए??? टेक्नोलोजी के साथ बढ़ाते नित नए कोर्स उन्हें भ्रम की स्थिति में डाल देते हैं.आज युवा रोजगार समाचार और ऐसे कई प्रतियोगिताएं की किताबें पढ़ते रहते है और नौकरी की तलाश में रहते हैं.अभी हाल में ही सभी ने देखा कि सरकार ने टी.ई.टी. को लेकर जो खेल खेला है वो सभी के सामने है बेचारे क्या करे वो लोग जिन्होंने बैंक ड्राफ्ट बनवाया फिर रद्द कराया और ऐसी स्थिति में तो यही लगता है क्या होगा इस देश का जब सरकार हर तरफ से इतनी लापरवाह है.
और तो और जब बात आई उत्तर प्रदेश प्लाटून कमांडर भरती बोर्ड की तो सरकार की राजनीति तो देखिये विवरण पुस्तिका में तो उन्होंने 1.पहला निर्देश दिया की पूरा पेपर 200 नंबर का होगा अंत में पूरे में से 160 प्रशन ही आया 2. निर्देश दिया की वही लोग पास माने जायेंगे जो सबमें से 50% अंक पाएंगे और हुआ ये की ठीक परीक्षा वाले दिन ही ये नया निर्देश आ गया कि वही अभ्यर्थी पास माने जायेंगे जो अलग अलग विषय में 40%अंक पाएंगे.अब सोचने वाली बात तो ये है की इसमें अभ्यर्थी की क्या गलती की नए नियम के साथ पेपर न दे ये तो सरासर अन्याय है,और तो और परीक्षा के दिन गाजीपुर केंद्र पर तो अजब ही माहौल था जब अभ्यर्थियों को कापियां ही गलत बांट दी गयीं और फिर कहीं जाकर डी.एम,और अन्य वरिष्ठ अधिकारीयों के आने के बाद फिर सिलसिलेवार कापियां बाटी गयीं.अब इसको लेकर हर जगह तरह तरह के बवाल हो रहे है फिर भी सरकार चेत नहीं रही है.
ये तो हैं सरकार की नीतियाँ अगर ऐसे ही सरकार गलती पर गलती करती रही तो इन युवाओं के भविष्य का क्या होगा जब महंगाई अपनी चरम अवस्था पर है.
आज विभिन्न तरह की वेबसाईट पर युवा अपना बायोडाटा भेज रहे है.आजकल पढाई या डिग्री का कोई महत्व नहीं रह गया है बस जो जहाँ चाह रहा है वही फॉर्म भर रहा है और ये सब हमारी सरकार की राजनीति है,जो युवाओं कोपूरी तरह से भटका रही है.अगर ऐसा ही रहा तो क्या होगा इस आते नए साल में देश के भविष्य का क्या होगा जो पूरी तरह इन युवाओं पर निर्भर है, इसके लिए हमारी सरकार को चेतना होगा.